Fiction for Kids

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कितनी बड़ी दिखती होंगी

कितनी बड़ी दिखती होंगी मक्खी को चीजें छोटी सागर सा प्याला भर जल पर्वत सी एक कौर रोटी। खिला फूल गुलदस्ते जैसा कांटा भारी भाला सा तालों का सूराख उसे होगा बैरगिया नालासा। हरे भरे मैदानों की तरह होगा इक पीपल का पात पेड़ों के समूहसा होगा बचा खुचा थाली का भात। ओस बूंद दरपनसी होगी सरसो होगी बेल समान सांस मनुज की आंधीसी करती होगी उसको हैरान बच्चों के लिए हिन्दी कविताएँ Hindi poem for children first published by National Book Trust

नट खट हम हां नटखट हम

नट खट हम हां नटखट हम। करने निकले खट पट हम आ गये लड़के पा गये हम। बंदर देख लुभा गये हम बंदर को बिचकायें हम। बंदल दौड़ा भागे हम बच गये लड़के बच गये हम। बर्र का बांस उठाकर आ गये हम ऊधम लगे मचाने हम आ लड़कों पर टूट पड़े झटपट हट कर छिप गये हम। बच गये लड़के बच गये हम बिच्छू एक पकड़ लाये। उसे छिपाकर ले आये सबक जांचने भिड़े गुरू।...

ताती ताती तोता

ताती ताती तोता पिंजरे में सोता पंख जो हरे थे उड़न से भरे थे हो गये हैं पीले पड़ गये हैं ढीले ताती ताती तोता। ताती ताती तोता पिंजरो में रोता झांखते हैं प्यारे नन्हें नन्हें तारे कहते है तोता काहे को तू रोता अंधकार छोड़ दे पिंजरो को तोड़ दे उड़ते उड़ते सारी रात आके मिल जा अपने साथ छोटे भाई तोता प्यारा तू भी बन जा एक सितारा बच्चों के लिए हिन्दी कविताएँ...

ज़रा चख के देखो

ज़रा चख के देखो ज़रा चख के देखो ये है बड़ी मज़ेदार ये है मज़ेकी नगर नगर में शहर शहर में देखों आगे पीछे चढता दाम सब चीज़ों का हम गिरते हैं नीचे …जरा चख के देखो नये नगर में बजता हैं इक नये किसम का बाजा अब तो राजा गधा बनेगा गधा बनेगा राजा नसीब अपना टूटा फूटा नसीब अपना खोटा ज़मींदार का कु …जरा चख के देखो बच्चों के लिए हिन्दी कविताएँ Hindi poem for children from Harindranath Chattopadhyaya’s “Curd Seller Verses”

चलो स्कूल

हरे हरे लाल लाल फूल। चलो भाई जल्दी, चलो स्कूल। छूट गईं पेंसिल कापी गई भूल जल्दी लो भाई, चलो स्कूल। कविता 4 हक्का बक्का : बच्चों के लिए 15 हिन्दी कविता Hindi poem for children first published by National Book Trust

आलपिन के सिर होता

आलपिन के सिर होता पर बाल नहीं होता है एक कुर्सी के टांगे हैं पर फुटबाल नहीं फेंक सकती है फेंक। कंघी के हैं दांत मगर वह चबा नहीं सकती खाना गला सुराही का है पतला किन्तु न गा सकती गाना। जूते के है जीभ मगर वह स्वाद नहीं चख सकता है आंखे रखते हुए नारियल कभी न कुछ लख सकता है। है मनुष्य के पास सभी कुछ ले सकता है सबसे काम इसीलिए सबसे बढ़कर वह पाता है दुनिया में नाम।...

मुन्ना और दवाई

मुन्ना और दवाई

मुन्ना ने आले पर ऊंचे आले पर जब छोटे हाथ नहीं जा पाये खींच खींच कर अपनी छोटी चौकी ले आये। पंजों के बल उस पर चढ़कर एड़ी भी उचकाई। मुन्ना ने आले पर रक्खी शीशी तोड़ गिराई। हाथ पड़ा शीशी पर आधा खींचा उसे पकड़ कर वहीं गिरी वह आले पर से इधर उधर खड़बड़ कर। शीशी तोड़ी कांच बिखेरा सारी दवा बहाई। मुन्ना ने आले पर रक्खी शीशी तोड़ गिराई। पर कहते हैं शुभ होता है...

चूहा

वह देखो वह आता चूहा आंखों को चमकाता चूहा मूंछों में मुस्काता चूहा लम्बी पूंछ हिलाता चूहा। मक्खन रोटी खाता चूहा बिल्ली से डर जाता चूहा। बच्चों के लिए हिन्दी कविताएँ Hindi poem for children first published by National Book Trust

टन टन टन, घंटी बोली

टन टन टन गई साइकिल दन दन दन। नीली पीली काली लाल उड़ी साइकिल सन सन सन। कविता 2 हक्का बक्का : बच्चों के लिए 15 हिन्दी कविता Hindi poem for children first published by National Book Trust

नानी की नाव

नाव चली नाव चली नानी की नाव चली नीना की नानी की नाव चली लम्बे सफर पे सामान घर से निकाले गए नानी के घर से निकाले गए और नानी की नाव में डाले गए क्या क्या डाले गए एक छड़ी, एक घड़ी एक झाड़ू, एक लाड़ू एक सन्दूक, एक बन्दूक एक सलवार, एक तलवार एक घोड़े की जीन एक ढोलक एक बीन एक घोड़े की नाल एक घीमर का जाल एक लहसून, एक आलू...

Source: https://www.pitara.com/fiction-for-kids/

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